हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मोहसीन कराती ने पिछले दिन समनान में लड़कियों के मदरसे में संबोधित करते हुए कहा कि
ज्ञान ऐसा होना चाहिए जो मनुष्य के लिए उपयोगी है और इरादों को शुद्ध होना चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि अल्लाह तआला आप को करम की नज़र से देखें तो अपने दिल में किसी के के लिए दुश्मनी ना रखो,
उन्होंने आगे कहा कि अल्लाह तआला कुरान ए मजीद की सूरह निसा आयत नंबर 35 में फरमा रहा है,
"وَإِنْ خِفْتُمْ شِقَاقَ بَیْنِهِمَا فَابْعَثُوا حَکَمًا مِنْ أَهْلِهِ وَحَکَمًا مِنْ أَهْلِهَا إِنْ یُرِیدَا إِصْلَاحًا یُوَفِّقِ اللَّهُ بَیْنَهُمَا ۗ إِنَّ اللَّهَ کَانَ عَلِیمًا خَبِیرًا"
यानी अगर तुम्हें लोगों के बीच जुदाई का डर है तो उनमे सुलाह करवाओ, उन्होंने कहा यह कुरान की आयत बयान कर रही है कि परिवार में पेश आने वाले घटनाओं से डरो मत और इस बात की अनुमति ना दो जिससे जुदाई पैदा हो जाए,
ईकामें नमाज़ कमेटी के अध्यक्ष ने कहा दीनी छात्र और छात्रा बगैर कोशिश के और अल्लाह से तवस्सूल किए बगैर बुलंदी तक नहीं पहुंच सकते,
उन्होंने आगे कहा,व्यक्ति जो भी शिक्षा प्राप्त कर रहा है, उसे उस ज्ञान को निकालना चाहिए जो लोगों को ऊंचाई तक पहुंचा सकता हों।
हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मोहसीन कराती ने कहां:
मनुष्य जो भी कार्य करता है अल्लाह तआला काम से उस कार्य को भली भांति जानता है, जो होने वाला है।
उन्होंने आगे कहा कि दीनी विद्यार्थियों और उलेमा की ज़िम्मेदारी दूसरों लोगों से ज़्यादा भारी है उस ज़िम्मेदारी को जाने और अपने मन को पाक और पवित्र करके अल्लाह से दुआ करें।